क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे मुँह से निकलने वाली लार हमारे लिए कितनी ज़रूरी है? इसके निकलने का क्या कारण होता है और कैसे हमारी सालिवा (लार) हमें भोजन का स्वाद लेने में मदद करती है। इंसानों के शरीर की संरचना अपने आप में बहुत अनोखी है, और विज्ञान आज भी हमारे शरीर की कई ऐसी चीजें हैं जो पूरी तरह से जान नहीं पाई हैं, पर कुछ ऐसे तथ्य हैं जो हमारे सामने आए हैं और बहुत ही रोचक हैं। जैसे कि हमारी लार ही होती है जिससे हम किसी भी खाने का स्वाद समझ पाते हैं।
लार का क्या महत्व है
एक स्वस्थ शरीर में लार का होना बहुत ज्यादा जरूरी है, यह न केवल खाना चबाने के लिए होता है, बल्कि यह हमारे मसूड़ों के रोग, दांतों की सड़न, और खाने में मौजूद हानिकारक संक्रमणों के खिलाफ सुरक्षा करती है। हमारे मुँह से निकलने वाली लार में 98% केवल पानी होता है और बाकी के हिस्से में म्यूकस, प्रोटीन, खनिज, इलेक्ट्रोलाइट्स, एंटीबैक्टीरियल यौगिक, और एंजाइम्स जैसी जरूरी चीजें होती हैं, जो हमें खाने की पचाने से लेकर बाकि कई चीजों में मदद करती हैं।
लार न निकले तो खाने का स्वाद लेना असंभव

जब भी हम खाना खाते हैं, तो वह मुँह में जाने के बाद चबाया जाता है, जिसके चबाने में लार निकलती है। वहीं मुँह से निकलने वाली लार हमें किसी भी खाने का स्वाद दिलाती है, यानी खाने में मौजूद स्वादिष्ट रसायन जब लार में घुलते हैं, तब किसी व्यक्ति को उस खाने का स्वाद समझता है। एक बार जब खाने में मौजूद रासायनिक पदार्थ घुल जाते हैं, तो हमारे टेस्ट बड्स में स्थित रिसेप्टर्स द्वारा हमें खाने का स्वाद महसूस होता है।
यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि अलग-अलग प्रकार के भोजनों का स्वाद और उस स्वाद के आनंद को लेने के लिए हमारे मुँह में लार बनना सबसे जरूरी है और इसी तरह हम किसी भी खाने का स्वाद समझ सकते हैं। बिना लार निकाले किसी भी खाने का स्वाद लेना लगभग असंभव हो जाएगा।
लार खाना पचाने में भी मदद करती है
लार खाने को पचाने में मदद करती है क्योंकि यह मुँह में खाने को चबाने के दौरान उत्पन्न होती है और इसमें एंजाइम्स, म्यूकस, और अन्य रसायनिक पदार्थ होते हैं जो खाने को टूटने और पचाने में मदद करते हैं। ये एंजाइम्स और रसायनिक पदार्थ खाद्य को ब्रेकडाउन करके उसे आसानी से पाचन योग्य बना देते हैं, जिससे हमारे पेट को उस खाने को पचाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। और ऐसा माना जाता है कि अगर खाने को मुँह में ही अच्छे तरह से चबाया जाए तो पेट में खाना पचने के वक्त होने वाली समश्याएं बहुत अधिक कम हो जाती है।