एक ऐसा जानवर जिसे समझा जा रहा था कि यह पूरी तरह से विलुप्त हो गया है, इस जानवर को जिसे चमकीला तिल भी कहा जाता है, आखिरी बार लगभग 80 साल पहले देखा गया था।
जिसे दोबारा दक्षिण अफ्रीका के टीले पर रेत में रेंगते हुए पाया गया, शोधकर्ता अनोखी प्रजातियों की खोज में थे। उसी दौरान उन्हें इस सुनहरे मोल होने के कुछ सबूत हाथ लगे। खोजने के पश्चात उसे फ़िल्माया गया, जिससे इस दुनिया को दोबारा इस अनोखी प्रजाति के बारे में पता चला।
आखरी बार देखा गया था 80 साल पहले
यह एक मायावी अंधा तिल है जो रेत के माध्यम से तैरता है। इसकी प्रजाति को अभी तक विलुप्त माना जा रहा था, क्योंकि लगभग 80 सालों से इस प्रजाति को देखा नहीं गया था। इस तिल की खास बात यह है कि यह रेत में तैरता है।
यह आसानी से न मिलने वाले बिलों में रहता है। यह दिखने में एक चमकीले सुनहरे कोट के साथ होता है, और इसे अंधा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके पास कोई भी आंखें नहीं होतीं। यह रेत के अंदर तैरता है।
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100 से अधिक मिट्टी के नमूनों से पता चला
शोधकर्ताओं को डर था कि कहीं यह प्रजाति विलुप्त न हो गई हो, इसी कारण से 100 से अधिक मिटटी के सैंपल की जाँच की गई जहां पर अलग-अलग तरह के DNA प्राप्त हुआ। वही से इस कुछ सुनहरे तिल के होने का पता चला, उसके बाद इसे साउथ अफ्रीका में खोजा गया।
खोज के बाद लुप्तप्राय वन्यजीव ट्रस्ट (ईडब्ल्यूटी) और स्टेलनबोश विश्वविद्यालय के एक संरक्षण आनुवंशिकीविद्, प्रमुख लेखक सामंथा मिनहार्ट के द्वारा कहा गया कि “हमें पूरा विश्वास था कि अगर डी विंटन का सुनहरा तिल पर्यावरण में था, तो हम उसके डीएनए को ढूंढकर और अनुक्रमित करके इसका पता लगा पाएंगे,”।
किस तरह खोजा गया ये डी विंटन का सुनहर तिल
खोज में लगी टीम को हाल में बने सुनहरे तिल के बिल और पटरियाँ मिलीं जो बारिश के कारण खुल गए थे। पर तब तक भी उन्हें यह मालूम नहीं था कि ये डी विंटन के सुनहरे तिल के होने के निशान हैं। यह टीम गोल्डन मोल की दो सामान्य प्रजातियों की खोज में थी।
केप गोल्डन मोल (क्राइसोक्लोरिस एशियाटिका) और ग्रांट गोल्डन मोल (एरेमिटल्पा ग्रांटी) – इन दोनों प्रजातियों की खोज के लिए एक खोजी कुत्ते को इन दोनों प्रजातियों की गंध की पहचान करने के लिए लाया गया।
जब इस कुत्ते ने पोर्ट नोलोथ क्षेत्र में मिले निशानों पर जाकर कोई भी संकेत नहीं दिया, तब टीम को समझ आ गया कि ये कोई अन्य प्रजाति द्वारा बनाए गए निशान हैं। जिसके बाद उन्हें आशंका हुई कि ये निशान डी विंटन के सुनहरे तिल के होने के सबूत हो सकते हैं।
कैसे तैरता है गोल्डन मोल?